How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good hindi kahani moral
How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good hindi kahani moral
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गधे को पीटकर जल्द ही बगीचे से बाहर खदेड़ दिया गया। “ओउ-ओउ-ओउ!
दोस्तों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि दूसरों के प्रति दया और करुणा चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो, भविष्य में अप्रत्याशित आशीर्वाद और पुरस्कार दिला सकती है।
इस प्रकार रामलाल ने बुद्धिमानी और समझदारी के साथ अपने किसानी का नाम रौशन किया और गांव के लोगों को प्रेरित किया। उसकी कहानी गांव के लोगों के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण बन गई।
लाल मछली की बात सुनकर, नीली मछली ने कहा, “लेकिन, हमें सिर्फ एक दिन के लिए यहाँ से कहीं सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिए!
Sher aur chugalkhor tota ki kahani
उसी दिन, राम के खेत में एक आदमी आया। वह एक अमीर व्यापारी था। उसने राम की फसल को देखा और उसे बहुत दया आई।
गोपी की कहानी हमें सिखाती है कि जब हम लालच और अहंकार में डूब जाते हैं तो जो वास्तव में मायने रखता है उसे नज़र अंदाज़ करना आसान होता है। हालाँकि, विनम्रता के महत्व को फिर से समझने और अपनी पिछली गलतियों को सुधारने में कभी देर नहीं होती है।
तो साधू महाराज बोले “ठीक है आज से वह काम करना पड़ेगा जिससे ईश्वर तुमसे प्रसन्न हो, सबसे पहले अपने गाय को बेच दो और गाय के बदले मिले पैसो से अनाज खरीद कर लें आना”
उसने बात को स्वीकार नहीं किया और कहा कि जब मछुआरे आएंगे तब हम कहीं छुप जाएंगे।
श्याम अपने घर मार्कशीट लेकर गया जिस पर उसके माता-पिता ने देखा और बहुत उदास हुए। उन्हें उदासी हुई कि एक मेरा बेटा इतना अच्छा पढ़ने में है और दूसरा इतना नालायक। श्याम किसी भी विषय में पास नहीं हो पाया।श्याम के माता -पिता को बहुत दुखी हुई उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा मगर अंदर ही अंदर वह बहुत दुखी होते रहे।
उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ-पिताजी को श्याम ने बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। श्याम ने अपने मां-बाप को भरोसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में सफल होकर दिखायेगा।
यह दृश्य देखकर सेठ की आंखों से आंसू बह निकले। सेठ ने मोहन के पास जाकर उससे सच्चे दिल से माफी मांगी। उसको उसकी मेहनत के पैसे दिए उसका इलाज करवाया और उसको हमेशा के लिए अपने यहां काम पर रख लिया।
एक बार जंगल में भूखी लोमड़ी खाने की तलाश में इधर-उधर भटक read more रही थी। काफी देर घूमने के बाद भी उसे खाना नहीं मिला। थोड़ी देर तक घूमने के बाद उसे एक पेड़ दिखाई दिया। उस पेड़ पर रसीले अंगूर के गुच्छे लटक रहे थे। यह देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आने लगा। लोमड़ी ने मन में सोचा कि “ये अंगूर तो बहुत सवादिष्ट लग रहे है और मैं ये जरूर खाऊंगी”। अंगूर बहुत ऊपर लगे हुए थे। लोमड़ी ने छलांग लगाकर अंगूर तोड़ने की कोशिश करी, पर वह असफल रही।
वही घर में जब बच्चों के पिता को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो वह जंगल में अपने बच्चों को ढूंढ़ने निकल गए। अपने पिता को सामने देखकर बच्चे भाग कर उनके पास गए। पिता ने उनसे वादा किया कि आगे से वह ऐसा कभी नहीं करेंगे। बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी अपने पिता के साथ घर की ओर चल पड़े।
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